पौराणिक कथा पौराणिक कथाओ के आधार पर कहा जाता है की विष्णु भगवान के दो भक्त जय और विजय थे| ये वे दो भगवान विष्णु से शापित हो कर गज और मगरमच्छ के रूप में धरती पर उत्पन्न हुए। एक दिन कोंहारा घाट पर गज पानी पिने आता है तो मगरमच्छ उसे पकर लेता है| सालो तक उससे छुटकारा नही पाने पर गज ने दुखी होकर भगवान विष्णु को याद किया| वीष्णु ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन अपने सुदर्शन चक्र से गज को मगरमच्छ(ग्राह) से मुक्त किये| सोनपुर की हरिहर नाथ मंदिर दुनिया का इकलौता ऐसा मंदिर है जहा विष्णु और हर शिव की एकीकृत मूर्ति है जिसकी स्थापना ब्रह्मा ने की थी| यह स्थान इतना पवित्र है की गुरुनानक,गौतम बुद्ध इस स्थान पर आये| स्वयं भगवान राम यहाँ आये और हरिहरनाथ की पूजा अर्चना की| कहा जाता है की पूर्णिमा के दिन कोंहारा घाट पर स्नान करने से सौ गो दान का फल प्राप्त होता है| मेले की चमक ...
मोक्षदायिनी गंगा और गंडक नदी के संगम पर ऐतिहासिक, धार्मिक और पौराणिक महत्व वाले सोनपुर क्षेत्र में लगने वाला सोनपुर मेला प्रत्येक वर्ष कार्तिक महीने से शुरू होकर एक महीने तक चलता है.|